गाय के दूध के फायदे/Cows milk benefits

 

 

गाय हमारी माता है यह हमको दूध देती है इसके चार पैर होते हैं ऐसा निबंध छोटे बच्चों की कक्षाओं में गाय के ऊपर बहुत लिखाया जाता है। वास्तव में गाय हमारी मां के समान है। क्योंकि यह हमारा पोषण करती है इसका दूध बहुत ही उपयोगी और रोग नाशक है। इसके दूध और घी से सैकड़ों विकार दूर होते हैं


आइए हम यहां ‘गाय के दूध के फायदे/Cows milk benefits’ की चर्चा करते हैं।

आंखों में जलन

आंखों में जलन के लिए गाय का दूध का अंजन बहुत उपयोगी बताया गया है । आयुर्वेद के महान ग्रंथ भावप्रकाश निघंटू में इसका विवेचन आता है ।
गाय के दूध की मलाई लेकर अंगुली से रात को सोते समय पलकों पर लगा लें सुबह तक जलन शांत हो जाएगी।
नहाने से पहले गाय के दूध का मक्खन लगा ले ने से आधे घंटे में आंखों की जलन ठीक हो जाएगी।

आग से जलने पर

गाय के घी से उत्तम कोई मरहम नहीं है कुदरत ने गोघृत को इतनी विष नाशक शक्ति से भर रखा है कि इससे बढ़िया मरहम या एंटीसेप्टिक दवा कोई हो ही नहीं सकती।
गोघृत से पट्टी को भिगोकर जली हुई त्वचा पर रखकर भगवान को याद करें जिससे आपको गोघृत के रूप में अमृत जैसी पोस्टिक दवा बन जाए इससे सप्ताह भर में ही घाव भर जाता है और नई त्वचा आज आती है।
गो दूध में, गाय का घी डालकर पिलाये जिससे शरीर में जल्दी से मांस और त्वचा का विकास होगा।

आधासीसी में माइग्रेन में

यदि किसीको माईग्रेन या आधासीसी रोग है और सर में भयंकर दर्द होता हो उसके लिए गाय का दूध 250 ग्राम उसमें 250 ग्राम ही पानी मिलाएं और 2 नग छोटी पीपल दो नग लोंग ,दो छोटे टुकड़े दालचीनी के इन सभी को पीसकर दूध में डाल कर उबाले, जब केवल ढाई सौ ग्राम दूध ही बचे तो उसको छान कर , दो चम्मच शहद मिलाकर पिए और कंबल ओढ़ कर सो जाएं इससे पसीना आता है और इस उपयोग से आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है परंतु यह प्रयोग किसी निपुण आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में ही करें।

अजीर्ण और कब्ज होने पर

 

Senior man has stomachache

इसके लिए गाय का दूध 250 ग्राम उसमें 100 ग्राम पानी मिलाएं 25 ग्राम शक्कर या गुड़ डालें 10 ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर काढ़ा बनाएं जब पानी जल जाए और दूध मात्र शेष रहे दूध को तो हल्का गर्म रहने पर घुट घुट कर पी जाए अनपचा भोजन सोंठ की गर्मी से पचने लगेगा और पेट का रुका हुआ मल साफ होने लगेगा। प्यास लगे तो पानी भी हल्का गर्म ही पिए ।पेट साफ होते ही जलन खट्टी डकार, आफरा और बेचैनी के विकार भी शांत हो जायेंगे कृपया प्रयोग चिकित्सक की देखरेख में ही करें।

दस्त ( अतिसार ) होने पर

दूध दोहने के बाद बर्तन में जितना भी झाग हो उसे एक कटोरे में भर ले इस झाग को चम्मच से स्वाद लेते हुए चूसना शुरू कर दें वैसे तो झाग में चूसने वाला कोई ठोस पदार्थ नहीं होता परंतु इस विधि से पेट का संकुचन होता है गौदुग्ध के झाग से पेट की आग भड़क उठेगी और भोजन के कच्चे रस का पाचन होने लगेगा दूध का झाग से पाचन क्रिया तीव्र हो जाती है जिससे अतिसार और पतले दस्त दोनों ठीक हो जाते हैं।

भावना और भावुकता दयालुता और मनुष्यता की बात यदि एक तरफ सरका दी जाए तब भी गाय का दूध घी इत्यादि सर्वगुण संपन्न है विषैला प्रभाव नष्ट करने में गोघृत की तुलना में अन्य किसी भी पशु का दूध, घी उतना उपयोगी नहीं है जितना गाय का दूध व घी । गाय , मनुष्य के लिए ईश्वर की अनमोल देन है ।


                 ‘गाय के दूध के फायदे/Cows milk benefits’ में उपयोग बताए गए हैं परंतु किसी भी रोग के उपचार हेतु चिकित्सक से परामर्श करके ही इनका उपयोग करें।

आपके लिए ये Article ” गाय के दूध का रोग उपचार में उपयोग “गाय के दूध के फायदे/Cows milk benefits”  कितना उपयोगी लगा कृपया कमेंट करके जरूर बताएं।

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *