इस समय के दौर में नकली सुंदरता का प्रचलन बहुत बढ़ता ही जा रहा है। कुछ समय के लिए सुन्दर और खुशबूदार बनने के लिए बाजार में तरह तरह की सौंदर्य सामग्री की भरमार आगई है। खुशबूदार डयोड्रेंट्स का उपयोग शादी-पार्टियो में बहुत अधिक देखने को मिलता है। आइये हम इसके उपयोग से होने वाले प्रभावों पर चर्चा करते है।
महिलाओं की त्वचा अत्यधिक कोमल होने की वजह से डिओडरेंट से सेहत को हानि पहुंचा रहे हैं।
बाजार में उपलब्ध सभी डिओडोरेंट में एलुमिनियम निर्मित लवण मिलाए जाते हैं जो हमारी त्वचा के भीतर की ग्रंथियों को नुकसान पहुंचाते हैं डिओडोरेंट त्वचा के नीचे पसीने की ग्रंथि के क्षेत्रों को संकुचित बंद करते हैं। और लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर यह क्षेत्रों को बंद कर देते हैं जिससे पसीने की क्रिया बंद हो जाती है कई महिलाओं में शरीर और बगल में दाने और फुंसियां भी निकल आती है।
डिओडरेंट स्प्रे करते वक्त लापरवाही से आंखों में चला जाए तो आंखें लाल हो जाती हैं और अगर तुरंत शुद्ध पानी से ना धोया जाए तो रोशनी भी जा सकती है। महिलाओं में बगल के नजदीक स्तन होने के कारण कभी-कभी डिओडोरेंट में पाए जाने वाले जिरकालीन साल्ट स्तन कैंसर को जन्म देते हैंl डिओडोरेंट मैं पाए जाने वाले एलुमिनियम लवण ग्रंथियों द्वारा रक्त कोशिकाओं तक पहुंच जाते हैं तथा रक्त में घोलकर लंबे समय के बाद अल्जाइमर रोग को जन्म देते हैं। डिओडरेंट को कभी छाती पर स्प्रे ना करें ऐसा करने पर हृदय की गति धीमी पड़ सकती है।
बाजार के डिओडोरेंट खरीदते वक्त देख लें कि उसमें एलुमिनियम क्लोराइड ना हो क्योंकि यह सेहत के लिए हानिकारक है डिओडोरेंट अगर एलुमिनियम क्लोरोहाइड्रेट से बना है तो जरूर खरीदें क्योंकि त्वचा के लिए यह सुरक्षित माना गया है।
डिओडोरेंट का प्राकृतिक विकल्प
आधुनिक युग में डिओडोरेंट का उपयोग रोकना काफी मुश्किल है। परन्तु उसके लिए कुछ प्राकृतिक विकल्प है जैसे पसीने की दुर्गंध को मिटाने के लिए 10-12 गिलास पानी पिए। नहाते वक्त पानी में डिटोल या नींबू का रस मिलाकर नहाए, शरीर में महक के लिए नहाने के पानी में गुलाब जल डाल सकते हैं। हफ्ते में एक बार बगल में नीम और चंदन का लेप लगा सकते हैं।
प्रोपेन ब्यूटेन जिंक जीरकोनियम युक्त डिओडरेंट्स कम सुरक्षित है तथा दिन में केवल एक बार प्रयोग कर सकते हैं । भोजन में फलो का सेवन अधिक करें। डिओडोरेंट की जगह पाउडर का इस्तेमाल करें।