शहद अमृत है। यह प्रकृति द्वारा मानव के लिए दिया अनुपम उपहार है। शहद हमारे स्वाथ्य के लिए बहुत लाभदायक है । शहद के फायदे क्या है किस तरह से हमे इसका सेवन करना चाहिए आइये हम इस पर चर्चा करते है ।

शहद के नाम
शहद को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
हिंदी में -मधु ,शहद
संस्कृत में- माक्षिक, मधु, क्षौद्र
अंग्रेजी में- HONEY
लेटिन में- MEL( मेल )
शहद का उत्पत्ति स्थान
शहद -पंजाब, हिमाचल प्रदेश, आसाम , देहरादून, नेपाल, कश्मीर आदि जगहों पर अधिकतर पाया जाता है।
आयुर्वेद ग्रंथों में शहद
महर्षि चरक के अनुसार शहद भारी, वातकारक, रक्त पित्त और कफ नाशक, रूक्ष, कषाय व मधुर होता है।
महर्षि सुश्रुत के अनुसार शहद- मधुर, कषाय,,रूक्ष, शीतल, अग्निदीपक, घाव को भरने वाला , हृदय को बल देने वाला रक्त शोधक , नेत्र ज्योति बढ़ाने वाला , वाजीकरण व संग्राहि होता है।
शहद कैसा होता है

शहद – अर्ध पारदर्शक, हल्की लालमा लेते हुए पीला भूरे रंग का, सुगंधित, अत्यंत मीठा, गाढ़ा, पानी में अच्छी तरह से घुलने वाला, प्राकृतिक द्रव पदार्थ है।
शुद्ध शहद की पहचान
शुद्ध शहद को कुत्ता नहीं खाता, यदि शुद्ध शहद में रुई भिगोकर आग लगाई जाए तो यह पूरी तरह जल जाएगा। नकली होने पर शहद का कोयला बन जाता है।। मक्खी को यदि शहद में डाल दिया जाए तो वह उसमें से निकल जाएगी, मक्खी के पंखों में शहद नहीं लगेगा ।
शहद का रासायनिक संगठन
शहद एक प्राकृतिक फल शर्करा का मिश्रण है इसमें पुष्पपराग, मॉम, गोंद, फार्मिक एसिड, लोह, फास्फोरस आदि द्रव्य होते हैं जल 16. 3 प्रतिशत, नाइट्रोजन भाग 1. 29%, डेक्सट्रोज 78. 74% क्षार 12%, सुक्रोज 2 . 69% के लगभग आदि शहद में पाए जाते है ।
शहद का औषधि उपयोग
सिर के रोगों पर
शहद मस्तिष्क को बल प्रदान करता है यह बुद्धिवर्धक है। सिर के बहुत से लोगों में गुणकारी है
आधासीसी यदि किसी को माइग्रेन सिरदर्द की समस्या हो तो जिस तरफ सिर में दर्द है उसकी दूसरी ओर नासिका में 2-3 बून्द शहद की डालने पर रोगी को आराम मिलता है ।
प्रतिश्याय
एक कप गर्म पानी में 1 से 2 चम्मच शहद उसमें आधा नीबू के रस को निचोड़ कर मिलाकर पीने से में फायदा मिलता है

मुंह के रोग
मुंह के छाले शहद में शुद्ध टंकण भस्म को मिलाकर मुंह में लगाने से मुंह के घाव हुए छाले जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।
दांतों में कीड़ा का दर्द
दांत में दर्द होने पर शहद को रुई के फावाह में लगा कर रखना चाहिए इससे दांत का दर्द मिटता है।
बच्चों के दांत निकलते समय

शहद मसूड़ों पर लगाने से बच्चो के दांत जल्दी निकलते हैं और दांत निकलने के कारण बच्चों में होने वाली परेशानियां कम होंगी ।
दांतों की हिलने पर
शुद्ध फिटकरी शुद्ध शहद तथा सिरका तीनों को बराबर लेकर मिला लें एवं प्रातः शांय दांतो पर मले तो दांतो का हिलना बंद हो जाता है
नेत्र रोग
आंखों के रोगों के लिए शहद उत्तम औषधि है शुद्ध शहद का सुबह-शाम अंजन लगाने पर नेत्रों की ज्योति बढ़ती है इसके साथ ही सोने के वर्क का शहद के साथ सेवन करने से आंखों की दृष्टि में सुधार होता है
मोतियाबिंद में
प्याज का रस तथा शहद दोनों समान भाग लेकर आंखों में डालने से लाभ मिलता है।
आंखों के दुखने पर
दो-दो बूंद शहद की डालनी चाहिए इससे आंखो का दुखना बंद हो जाता है।
कान का बजना
शुद्ध शहद 3 भाग और कलमी सोडा एक भाग लेकर इनको गर्म जल में घोलकर कान में टपकने से कान का बजना ठीक होता है।
कानों का दर्द कान में घाव
कानों का दर्द या कान में घाव होने पर कान को रुई से साफ कर इसमें शहद डालने से फायदा होता है ।
खांसी व् जुकाम
तुलसी के पत्तों का रस और शहद समान मात्रा में मिलाकर पीने से खांसी एवं जुकाम में फायदा मिलता है।
श्वास रोग में

श्वास रोग में शहद का सेवन करने से लाभ होता है यह फेफड़ों को बल प्रदान करता है व कफ को बाहर निकालता है। काली मिर्च, सोंठ और पीपल के चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने पर श्वांस खांसी में फायदा होता है इससे कफ आसानी से बाहर निकलकर श्वास कष्ट में लाभ होता है।
हृदय रोग
हृदय रोग के लिए शहद एक प्रकृति का अनुपम उपहार है ह्रदय को शक्ति देने के लिए शहद का उचित मात्रा में सेवन बहुत लाभकारी होता है।
उल्टी होने पर
उल्टी होने पर गिलोय के कवाथ में समान मात्रा में मधु का सेवन करने पर उल्टी होना रुक जाता है।
हिचकी आने पर
हिचकी आने पर मोर पंख को जलाकर उसकी भस्म बना ले और उसको शहद के साथ मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती हैं ।
भूख की कमी
भूख कम लगने पर भोजन के बाद लगभग 10 से 20 ग्राम शहद चाटने से भोजन ठीक से पच जाता है और पाचन शक्ति में वृद्धि होती है
पेट दर्द
पेट दर्द में पीपल 200 Mg. को बारीक पीसकर शहद के साथ सेवन करने से पेटदर्द में लाभ मिलता है ।
कब्ज होने पर
पेट साफ करने के लिए सोते समय गर्म दूध के साथ दो चम्मच शहद लेने से सुबह पेट साफ आता है।
यकृत एवं प्लीहा के रोग
यकृत एवं प्लीहा के रोग शहद को उपयुक्त मात्रा में सेवन किया जाए तो इन लोगों की आशंका नहीं रहती। गाय के दूध में शुद्ध शहद का सेवन करने पर यकृत यानी लीवर की दुर्बलता दूर होती है।
पेशाब का रुकना
शीतल चीनी के साथ शहद का शरबत लेने पर पेशाब खुलकर आता है।
डायबिटीज
डायबिटीज में शहद के साथ शुद्ध शिलाजीत का सेवन करने से लाभ मिलता है।
चेहरे के दाग
सिरका और नमक के साथ शहद मिलाकर लगाने से चेहरे व शरीर के दाग दूर होते हैं केवल शुद्ध शहद का को लगाने से भी दाद व झाइयां दूर हो जाती है।
सूजन व् फोड़े पर
गेहूं के आटे के साथ शहद को गोंदकर सूजन पर लगाने से सूजन दूर हो जाती है और फोड़े पर लगाने से फोड़ा पक कर ठीक हो जाता है।
मोटापा

शहद मोटापे को दूर करने के लिए एक उत्तम प्राकृतिक उपचार है शहद के सेवन से शरीर का मोटापा छठ जाता है और अनावश्यक बसा पिघल जाती है शहद को 10 ग्राम मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन करना चाहिए।
जलने पर
शहद का लेप करने से जला हुआ भाग ठीक हो जाता है और यदि जले हुए स्थान पर घाव है तो वह भी जल्दी भर जाता है।
घाव होने पर
घावों को साफ कर उस पर शुद्ध शहद का फाया लगा दे ऊपर से पट्टी बांध दे इससे घाव जल्दी भर जाएगा। इसके अलावा शहद के साथ तिल पीस कर पेस्ट बना ले और उसको घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी भर जाते हैं ।
मधुमक्खी या ततैया के काटने पर
मधुमक्खी या ततैया के काटने पर शहद को लगाने से मधुमक्खी का विष दूर हो जाता है।
सेक्स पावर के लिए
सफेद प्याज का रस और शहद को मिलाकर सेवन करने से सेक्स पावर बढ़ती है। भैंस के दूध में दो बड़े चम्मच शहद के अच्छी तरह मिलाकर पीने से भी शारीरिक बल एवं शक्ति में वृद्धि होती है ।
स्त्री रोग
शहद स्त्री रोगों के लिए भी उपयोगी होती है यह गर्भाशय को ठीक करता है और रजोधर्म विकारों को ठीक करता है।
इस प्रकार शहद प्रकृति का एक अनुपम उपहार है जो हमे अनेक रोगो से प्राकृतिक रूप से बचता है हमारे स्वास्थ्य को सबल और सुंदर बनाता है।
शहद के उपयोग बताए गए हैं परंतु किसी भी रोग के उपचार हेतु चिकित्सक से परामर्श करके ही इनका उपयोग करें।
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