स्तनपान से क्या फायदे हैं?/What are the benefits of Breastfeeding?

प्रकृति ने जन्म से ही पोषण के लिए मां की व्यवस्था की है और मां के स्तनों में शिशु के जन्म के साथ ही दूध की व्यवस्था की है जन्म के पश्चात शिशु के विकास एवं रोग प्रतिरोधक के लिए माता का दूध सर्वोत्तम पौष्टिक भोजन होता है, मां का दूध बच्चे के लिए अमृत होता है जो उसे जीवन दान देता है स्तनपान बच्चे के लिए तो आवश्यक है ही परंतु बच्चे को स्तनपान करवाने से मां के लिए भी बहुत फायदे हैं इसी क्रम में हम मां और बच्चे के लिए स्तनपान से होने वाले फायदे के बारे में चर्चा कर रहे हैं।

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स्तनपान से मां को फायदा

बच्चों के लिए स्तनपान करवाने से माताओं के लिए बहुत फायदे है, शिशु को स्तनपान से महिलाओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से फायदा होता है।

इससे माताओं को कैंसर जैसी विकराल समस्याओं से बचाव हो सकता है।

स्तनपान के दरमियान महिलाओं के मस्तिष्क में पैदा भावनात्मक लगाव से माँ के शरीर में लाभकारी हारमोंस का निष्कासन होता है तो कुछ हारमोंस नैसर्गिक रूप से गर्भनिरोध का कार्य करते हैं।

हारमोंस की क्रिया से गर्भाशय को अपनी गर्भधारण के पूर्व की दशा में लौटने में सहायता मिलती है इतना ही नहीं स्तनपान परिवार नियोजन एवं पर्यावरण संरक्षण में कारगर भूमिका पेश करता है।

एक शोध के अनुसार नवजात शिशु को अपना दूध पिलाने से धीरे-धीरे महिला की बच्चेदानी भी अपनी वास्तविक स्थिति मै आ जाती है जिससे महिला का मासिक चक्र भी सामान्य हो जाता है।

स्तनपान से मां और बच्चे का मनोवैज्ञानिक कारण होता है जो उनके संबंधों को बेहतर और मधुर बनाता है।

माँ के दूध में पर्याप्त विटामिन सी पाया जाता है विटामिन सी स्वस्थ को मजबूत रखना होता है।

स्तनपान पर एक स्टडी की गई इस स्टडी में 2, 4 और 6 महीने स्तनपान करने वाली महिलाओ को शामिल किया गया इस स्टडी के मुताबिक जिन महिलाओं ने 2 महीने तक स्तनपान करवाया , उनमें 6 महीने तक स्तनपान करवाने वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा दर्द देखा गया।

स्तनपान ज्यादा करवाने से यूट्रस सुकड़ अपने पुराने साइज पर आ जाता है, यानी प्रेगनेंसी से पहले जो शायद था।

 

स्तनपान से नवजात शिशु को फायदा

 

चिकित्सा शोधकर्ताओं के मुताबिक जन्म के पश्चात पहले दो-तीन दिन स्तनों से पीले रंग का गाढा पदार्थ कोलोस्ट्रम निकलता है इस कोलोस्ट्रम में विटामिन और इम्यूनोग्लोबुलीन कहलाने लाने वाले प्रोटीन भरपूर मात्रा में होते हैं। कोलोस्ट्रम से शिशु को रोगो के प्रति संक्रमण रोकने की ताकत मिलती है।

जन्म के पश्चात जो शिशु स्तनपान करते हैं उनमें पेट की होने वाली व्याधिया कम होती हैं।

स्तनपान से डायरिया, कुपोषण, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों से शिशु को सुरक्षा मिलती है।

मां के दूध से पाचन शक्ति शीघ्र एवं सुगमता से होती है।

स्तनपान करने वाले शिशु गुर्दे रोग के चंगुल में नहीं फंसते हैं माता के दूध में जल की मात्रा ज्यादा होती है जो शिशु के लिए आवश्यक है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार भी गर्भवती औरतों को बच्चे के लिए सर्वोत्तम भोजन मां का दूध है जहां तक हो सके शिशु को गोद में लेकर स्तनपान कराएं, ना कि बिस्तर पर लेट कर। यह नवजात बच्चे के लिए अमृत के समतुल्य है स्तनपान करने वाले बालक को अन्य कोई भोजन की आवश्यकता नहीं होती।

कनाडा के मैकगिल विश्वविधालय के द्वारा किये गए 6 साल तक के बच्चो पर किये गये एक अध्ययन में पाया गया की जिन बच्चो ने माँ का दूध पिया उनका आई क्यू, बोतल का दूध पीने वाले बच्चो से अधिक पाया गया ।

माँ का दूध बच्चो के लिए प्रकृति का एक उपहार ही है जोकि माँ और बच्चे के लिए सभी प्रकार से लाभप्रद है ।

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